सयाना हुआ दिल कि अब... दुनियां-जहान देखे हैं...
बदलता वक़्त.. बदलते मौसम... और इंसान देखे हैं...
सयाना हुआ दिल कि अब... दुनियां-जहान देखे हैं...
चार दिवारी एक छत वाले घर की ख्वाहिश थी...
और तो क्या देखा हमने.. ऊँचे मकान देखे हैं...
गरीबो की बस्ती में फिर भी गरीबी का जश्न मिला...
अमीरों के यहाँ तो अक्सर .. आलम वीरान देखे हैं..
मेरे चालो-चलन पे ऊँगली उठाये जो फिरते हैं...
हमने उन कमजर्फो के मैले गिरेबान देखे हैं..
छुप छुपा के दुनिया से वो जुर्म किया करते हैं...
और कोई चाहे न देखे वो आसमान देखे हैं....
इस तरह मेल हुआ कातिल और मुंसिफ में...
खूनी दीखता नहीं..सबूत-ओ -निशान देखे हैं...
लोक तंत्र का अब हर कोई मखौल बनाये हैं...
पंचो का फरमान हुआ.. कानून हैरान देखे हैं...
खेलो में glamouR को अब स्कर्ट जरुरी होगी
किस तरह बना दी गयी नारी इक सामान देखे हैं...
मेरी बारी चुप रहा, लगा उसे कोई मतलब नहीं.....
अब जब खुद पे पड़ी तो भी बस बेजुबान देखे हैं...
वो आज भी खाली बर्तन टटोल के सो जायेगी
जिसने अमीरों की महफ़िल में फेके पकवान देखे हैं...
"आलोक" अब क्या कहे क्या क्या इस जहान देखे हैं..
शैतानो का डर दिखा इंसान अब लूटे इंसान देखे हैं....
..आलोक मेहता...
सयाना हुआ दिल कि अब... दुनियां-जहान देखे हैं...
चार दिवारी एक छत वाले घर की ख्वाहिश थी...
और तो क्या देखा हमने.. ऊँचे मकान देखे हैं...
गरीबो की बस्ती में फिर भी गरीबी का जश्न मिला...
अमीरों के यहाँ तो अक्सर .. आलम वीरान देखे हैं..
मेरे चालो-चलन पे ऊँगली उठाये जो फिरते हैं...
हमने उन कमजर्फो के मैले गिरेबान देखे हैं..
छुप छुपा के दुनिया से वो जुर्म किया करते हैं...
और कोई चाहे न देखे वो आसमान देखे हैं....
इस तरह मेल हुआ कातिल और मुंसिफ में...
खूनी दीखता नहीं..सबूत-ओ -निशान देखे हैं...
लोक तंत्र का अब हर कोई मखौल बनाये हैं...
पंचो का फरमान हुआ.. कानून हैरान देखे हैं...
खेलो में glamouR को अब स्कर्ट जरुरी होगी
किस तरह बना दी गयी नारी इक सामान देखे हैं...
मेरी बारी चुप रहा, लगा उसे कोई मतलब नहीं.....
अब जब खुद पे पड़ी तो भी बस बेजुबान देखे हैं...
वो आज भी खाली बर्तन टटोल के सो जायेगी
जिसने अमीरों की महफ़िल में फेके पकवान देखे हैं...
"आलोक" अब क्या कहे क्या क्या इस जहान देखे हैं..
शैतानो का डर दिखा इंसान अब लूटे इंसान देखे हैं....
..आलोक मेहता...
मेरे चालो-चलन पे ऊँगली उठाये जो फिरते हैं...
जवाब देंहटाएंहमने उन कमजर्फो के मैले गिरेबान देखे हैं..
apne girebaan ko kaun dekhta hai !
Sahi kaha Rashmi Prabha ji apne...
जवाब देंहटाएंRachna tak aane evam tippani ke liye shukriya... :)
Bahut lajbaab likha haae
जवाब देंहटाएंSunny Dhanoe ji .. hausla afzaai k liye bhehad shukriya... :)
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