निगाहों निगाहों सवाल करना... सुनना खुद को जवाबो में...
निगाहों निगाहों सवाल करना...
सुनना खुद को जवाबो में...
इश्क अपना वैसा हैं..
पढ़ा था जैसा किताबो में...
आलोक मेहता...
सुनना खुद को जवाबो में...
इश्क अपना वैसा हैं..
पढ़ा था जैसा किताबो में...
आलोक मेहता...
अब किताबों सा इश्क मिलता कहाँ है
जवाब देंहटाएंहाँ एक जगह है
किताबें........
सही कहा शेफाली जी .. किताबो सा इश्क तो बस अब किताबो में ही मिलता हैं...
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