जो कहने थे.. पर नहीं कहे तूने....
दर्द सिर्फ उन लफ्जों का नहीं...जो तेरे लबो से निकले...
टीस उन अल्फाजो की भी बहुत हैं.. जो कहने थे.. पर नहीं कहे तूने....
...आलोक मेहता...
टीस उन अल्फाजो की भी बहुत हैं.. जो कहने थे.. पर नहीं कहे तूने....
...आलोक मेहता...
कभी कभी कुछ बातें अनकही ही अच्छी होती हैं
जवाब देंहटाएंहाँ ... और कुछ बातों को कह जाना ही बेहतर.. :)
जवाब देंहटाएंशुक्रिया शेफाली जी...