मगर शायद तजुर्बा जरुरी था ये.. उल्फत समझने को...

कोई मतलब न था अपने मिलने.. फिर बिछड़ने का...
मगर शायद तजुर्बा जरुरी था ये.. उल्फत समझने को...

..आलोक मेहता...

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेथी के बीज