लम्हा जो भी गुजरा.. बेहद खूब गुजरा....
वक़्त गुजरा भी तो क्या खूब गुजरा...
कर सारे ही ख्वाब मंसूब गुजरा....
और क्या कहे क्या रही सोहबत तुम्हारी....
लम्हा जो भी गुजरा.. बेहद खूब गुजरा....
आलोक मेहता...
कर सारे ही ख्वाब मंसूब गुजरा....
और क्या कहे क्या रही सोहबत तुम्हारी....
लम्हा जो भी गुजरा.. बेहद खूब गुजरा....
आलोक मेहता...
kya khub gujra hai....
जवाब देंहटाएंShukriya Sushma.. :)
हटाएंबेहद मुश्किल क़ाफ़िये पर काबिल-ए-तारीफ़ अल्फ़ाज़...! Hamesha ki tarah behtareen!
जवाब देंहटाएं"मैँ सजदे मेँ बैठी हूँ आज भी वहाँ पर
जिन रास्तोँ से होकर मेरा महबूब गुजरा"
Behad shukriya Sneha... aur behatrin sher bhi is kaafiye par... :)
हटाएंHUMMM.!!BAHUT KHOOB.
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