गर ये जिद न होती तो... जिंदगी कितनी मुश्किल होती.. नहीं!

बिछड़ते वक़्त ख्वाइश थी तेरी, कि भूल जाऊ मैं तुझको...
और मैं कर रहा था जिद तुझे ता-उम्र याद रखने की....


अब सोचता हूँ ... गर ये जिद न होती तो... जिंदगी कितनी मुश्किल होती.. नहीं!


...आलोक मेहता...






bichadte waqt khwaish thi teri, ki bhul jaata main tujhko...
aur main kar raha tha jid ta-umr tujhe yaad rakhne ki...

ab sochta hu.. gar ye jid na hoti to jindagi kitni mushkil hoti ... nahi!....

......aalok mehta...

टिप्पणियाँ

  1. कभी कभी किसी की यादें ज़िन्दगी को आसान बना देती हैं
    दिल को छूने वाली रचना

    आपका मेरे ब्लॉग http://wordsbymeforme.blogspot.com/ pe स्वागत है

    जवाब देंहटाएं

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