कि फकत एक लफ्ज़ थी ये "चाहत" तुझे जताने से पहले...

तुझसे मिल के मेरी जिंदगी में इसे माने मिले....
कि फकत एक लफ्ज़ थी ये "चाहत" तुझे जताने से पहले...


आलोक मेहता...

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

gham ka maara hu main... bhid se ghabraata hu...

मेथी के बीज