मेथी के बीज



चंद मेथी के बीज और वो नाजुक उँगलियाँ तेरी
क्या था मालुम, रिश्तों की जड़े यूँ गहरा जायेंगी
सुकून मिलता था जो अपने पल दो पल के साथ में
न था मालूम, यूँ उम्र भर का ये संग ठहरा जायेंगी


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gham ka maara hu main... bhid se ghabraata hu...