two liners - पसंदीदा शागिर्द को ही देता हैं... उस्ताद कड़े सबक....

पसंदीदा शागिर्द को ही देता हैं... उस्ताद कड़े सबक....
यही सोच... खुदा, तेरा हर इम्तिहान दिए जा रहा हूँ मैं...

आलोक मेहता...

टिप्पणियाँ

  1. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति

    शुक्रवारीय चर्चा मंच पर

    charchamanch.blogspot.com

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  2. बहूत गहन विचार ...
    मेरी ज़िन्दगी से मिलता जुलता ...
    आपका ब्लॉग पढ़कर अच्छा लगा

    जवाब देंहटाएं

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gham ka maara hu main... bhid se ghabraata hu...

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