अभी तो मंजिले बेहिसाब हैं....
जिसे तुम मंजिल कहते हो...
वो तो सिर्फ एक पडाव हैं....
कई हैं सफ़र फेरहिस्त में...
अभी तो मंजिले बेहिसाब हैं....
आलोक मेहता...
वो तो सिर्फ एक पडाव हैं....
कई हैं सफ़र फेरहिस्त में...
अभी तो मंजिले बेहिसाब हैं....
आलोक मेहता...
वाह! आप हमेसा ही बहुत ही उम्दा लिखते है....
जवाब देंहटाएंसही कहा अलोक जी
जवाब देंहटाएंअभी बहुत मंजिलें हैं
@ Sushma 'Aahuti' ji...
जवाब देंहटाएंBehad Shukriya Sushma ji...
@ Shephali ji...
Shukriya Shephali ji...
निराला अंदाज है....अलोक जी आनंद आया पढ़कर
जवाब देंहटाएंBehad Shukriya Sanjay Bhaskar ji... Sath banaye rakhiyega...
जवाब देंहटाएंaaj achanak apka blog mila...rachnaye apdhi acha laga
जवाब देंहटाएंSakhi ji behad shukriya.. ummeed hain ki aakhiri baar ana nahi hua hoga aapka.. :)
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