कि.. जब साथ हो कोई... और 'साथ' न हो..
दिल में एहसास.. जेहन में जज़्बात न हो...
लब खुले.. मगर.. कहने को कोई बात न हो...
किस तरह वो वक़त-ऐ-वस्ल गुजरे.. ऐ रब...
कि.. जब साथ हो कोई... और 'साथ' न हो...
आलोक मेहता....
लब खुले.. मगर.. कहने को कोई बात न हो...
किस तरह वो वक़त-ऐ-वस्ल गुजरे.. ऐ रब...
कि.. जब साथ हो कोई... और 'साथ' न हो...
आलोक मेहता....
bahut khoob
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंबढ़िया...
जवाब देंहटाएंदिल के सुंदर एहसास
जवाब देंहटाएं@ Rashmi Prabha ji.. Behad Shukriya..
जवाब देंहटाएं@ Sushma 'Aahuti ji'... behad shukriya
@ Dr. Nidhi Tandaon ji... Shukriya...
@ Sanjay Bhaskar ji... Aabhar Sweekar kare...
वक़्त ऐसा भी आएगा ये कभी सोचा न था
जवाब देंहटाएंसामने बैठा था मेरे और वो मेरा न था
waah Shephali ji.. acchi panktiya... shukriya
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